Friday 12 February 2021

स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह समेत तीन IPS कोरोना की चपेट में। 26 जनवरी को दंगाइयों पर स्पेशल कमिश्नर ने आंसू गैस चलवाई।संयुक्त पुलिस आयुक्त ने जान बचाने के लिए नारे लगवाए।


       स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह (लाल घेरे में)

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह समेत तीन IPS कोरोना की चपेट में।
ट्रैक्टर रैली में दंगाइयों पर स्पेशल कमिश्नर ने आंसू गैस चलवाई।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने जान बचाने के लिए नारे लगवाए।

इंद्र वशिष्ठ
किसान आंंदोलन के प्रमुख धरना स्थल सिंघु बार्डर टीकरी बार्डर इलाके की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदार दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह समेत तीन आईपीएस अफसर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। 
कोरोना की चपेट में-
 बुखार होने पर संजय सिंह ने दो दिन पहले कोरोना जांच कराई तो कोरोना संक्रमित होने का पता चला। संजय सिंह घर में ही एकांतवास में रह कर इलाज करा रहे हैंं।
संजय सिंह पश्चिम जोन के स्पेशल कमिश्नर कानून एवं व्यवस्था के पद पर तैनात हैं।
सिंघु, टीकरी बार्डर और ट्रैक्टर रैली के दौरान  कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने के दौरान भीड़ के संपर्क में आने के कारण उनके कोरोना के चपेट में आ जाने की संभावना है।

आंसू गैस के गोले दागने वाला आईपीएस-    
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान संजय सिंह ने अपनी पेशेवर काबिलियत  का परिचय दिया। मुकरबा चौक पर पुलिस पर हमला करने वालों पर आंसू गैस के गोले दागने का आदेश संजय सिंह द्वारा दिया गया। पुलिस बल के साथ कंधे से कंधा मिला कर  पुलिस बल का मनोबल बढ़ा कर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय संजय सिंह ने दिया। संजय सिंह के इस एक्शन का पता एक विदेशी न्यूज चैनल के वीडियो से भी चलता है। उग्र/हिंसक भीड़ को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस पर हमला कर दिया गया। यह देखते ही संजय सिंह ने तुरंत पुलिस को उग्र भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागने के आदेश दिए।

          संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव 
नारे लगाने वाला आईपीएस-
आईपीएस का नारे लगाना कायराना हरकत-
दूसरी ओर संजय सिंह के मातहत उत्तरी रेंज के   संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव का भी एक वीडियो सामने आया जिसमें परेशान/घबराए हुए लग रहे सुरेंद्र सिंह पुलिस वालों से कह रहे हैं कि इनको (किसानों) शांति से समझाओ वरना "ये हम लोगों के ऊपर से जाएंगे"। सुरेन्द्र सिंह ने जय जवान,जय किसान के नारे खुद लगाए और मातहतों से भी लगवाए। सुरेंद्र सिंह के इस तरह के व्यवहार को अनेक वरिष्ठ आईपीएस अफसरों द्वारा कायराना हरकत और पुलिस बल का मनोबल गिराने वाला माना जा रहा है। अफसरों का कहना है कि इस तरह जंग के मैदान में पीठ दिखाने वाले जवान या अफसर को पुलिस/ फौज में नौकरी से  निकाल दिया जाता है।
इस बारे में सुरेंद्र यादव का कहना है कि उन्होंने दंगाइयों पर काबू पाने के लिए अपनी ओर से हर संभव की कोशिश की। आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया।
आईपीएस ने छिप कर जान बचाई-
हालांकि आंसू गैस और लाठीचार्ज के बावजूद किसानों को रोक पाने में पुलिस विफल हो गई। हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि आईपीएस अफसरों तक ने मुकरबा चौक पुल के नीचे अंडरपास, झाड़-झाडियों वाले स्थान पर छिप कर अपने आप को उग्र भीड़ से बचाया।

संयुक्त आयुक्त और डीसीपी कोरोना संक्रमित-
संजय सिंह के मातहत पश्चिम रेंज की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह और बाहरी जिले के डीसीपी  ए कोन भी  कोरोना संक्रमित हो गए थे।
लगता है कि सिंघु, टीकरी बार्डर और ट्रैक्टर रैली के दौरान  कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने के दौरान भीड़ के संपर्क में आने के कारण ही यह तीनों अफसर के कोरोना के चपेट में आए है।

बलि का बकरा बनाया-
साल 2019 में तीस हजारी अदालत में वकीलों ने पुलिस पर हमला कर एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह को भी जमीन पर गिरा कर पीटा। मौके पर बिना पर्याप्त पुलिस बल को लिए उत्तरी जिले की डीसीपी मोनिका भारद्वाज गई। मोनिका भारद्वाज को  वकीलों के सामने हाथ जोड़ कर वहां से भागना पड़ा। मोनिका भारद्वाज के साथ वकीलों ने बदसलूकी भी की लेकिन मोनिका भारद्वाज ने तुरंत उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराने की हिम्मत नहीं दिखाई। स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह यह सब पता लगने पर खुद तीस हजारी गए थे। 
पुलिस वालों का प्रदर्शन-
वकीलों के खिलाफ कार्रवाई न करने और घायल पुलिस वालों की सुध तक न लेने पर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के खिलाफ पुलिस वालों ने पुलिस मुख्यालय पर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद अमूल्य पटनायक और डीसीपी मोनिका भारद्वाज को पद से हटाने की बजाए स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह और घायल एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह को पद से हटा/ तबादला कर बलि का बकरा बना दिया गया था।


 




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