Saturday 6 February 2021

प्रतिशोध,धोखाधड़ी,यौन उत्पीड़न,नफरत फैलाने के लिए इंटरनेट का जमकर इस्तेमाल। भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर अपराध के मामले।


भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर अपराध के मामले।
प्रतिशोध,धोखाधड़ी,यौन उत्पीड़न,नफरत फैलाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल। 

इंद्र वशिष्ठ
भारत में इंटरनेट के बढ़ते हुए उपयोग के साथ ही साइबर अपराध की संख्या में भी जबरदस्त वृद्धि हो रही है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो( एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017,2018 और 2019 के दौरान साइबर अपराध के क्रमशः 21796, 27248 और 44546 मामले दर्ज किए गए हैं। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में  यह जानकारी दी है।
प्रतिशोध,धोखाधड़ी, यौन उत्पीड़न-
राज्यसभा में सांसद के सी रामामूर्ति द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि साइबर अपराध के पीछे के उद्देश्यों में अन्य बातों के साथ साथ व्यक्तिगत प्रतिशोध/रंजिश, धोखाधड़ी, यौन उत्पीड़न, नफरत फैलाना, पाइरेसी फैलाना और सूचना चुराना आदि शामिल है। 
साइबर अपराध से निपटने का तंत्र-
पुलिस/जांच एजेंसियां साइबर अपराध करने वालों के खिलाफ कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करती हैं। साइबर अपराधों से विस्तृत और समन्वित ढ़ंग से निपटने के तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए केंद्र सरकार ने साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने, चेतावनी/एडवाइजरी जारी करने,  पुलिस/अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के क्षमता संवर्धन/ प्रशिक्षण, साइबर फारेंसिक सुविधाओं मेंं सुधार आदि के लिए कदम उठाए  हैं। 
महिलाओं, बच्चों पर खास ध्यान-
केंद्र सरकार ने महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले साइबर अपराध पर विशेष ध्यान/ बल दिया है।
लोगों को सभी प्रकार के साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों की रिपोर्ट दर्ज करने में सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्ट पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) भी शुरु किया गया है।
सरकार साइबर केंद्र (बोटनेट क्लीनिंग एंड मालवेयर एनेलिसिस सेंटर) संचालित कर रही है। जो हानिकारक प्रोग्रामों का पता लगाने, हानिकारक कोडों को हटाने के लिए नि:शुल्क टूल और मोबाइल फोन से संबंधित खतरों से निपटने के लिए 'एम कवच' जैसे टूल की सुविधा प्रदान कर रहा है।
देश के बाहर से अंजाम दी जाने साइबर घटनाओं के संबंध में इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम (सीईआरटी ) विदेशी राष्ट्रों में अपनी समकक्ष एजेंसियों से समन्वय करती है।


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