'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान और आतंकवाद का रिश्ता पूरी दुनिया में बेनकाब: अमित शाह
इंद्र वशिष्ठ
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान और आतंकवाद का रिश्ता पूरी दुनिया में बेनकाब हो चुका है। जब भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर हमला किया, तो जवाब पाकिस्तानी सेना ने दिया और मारे गए आतंकवादियों के जनाज़े में पूरी दुनिया ने पाक सेना के आला अफसरों को शामिल होते हुए देखा। वे जनाज़े को कंधा दे रहे थे।
गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल के अलंकरण समारोह एवं रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारी भूमि पर हुए आतंकी हमलों के जवाब के इतिहास में सबसे सटीक और सभी उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला था।
शौर्य का उदाहरण-
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का ये अलंकरण समारोह ऐसे समय पर हुआ है जब बीएसएफ और सेना ने अपने अप्रतिम शौर्य का उदाहरण पूरी दुनिया के सामने स्थापित किया है। ऑपरेशन सिंदूर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, आसूचना एजेंसियों की सटीक सूचनाओं और हमारी सेनाओं की मारक क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन है।
उचित जवाब दिया-
अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने और उसके बाद पहला सबसे बड़ा आतंकी हमला उरी में हमारे जवानों पर हुआ, तब हमने सर्जिकल स्ट्राइक कर पहली बार आतंकियों के ठिकानों में घुसकर आतंकवादियों को जवाब देने का काम किया। हम मानते थे कि भारत के इस जवाब से शायद अब सब कुछ रुक जाएगा, लेकिन नहीं रूका और पुलवामा में हमारे जवानों पर फिर आतंकी हमला हुआ। इस बार भारतीय सेनाओं ने एयर स्ट्राइक कर कठोर जवाब देते हुए एक बार फिर आतंकी अड्डों को उड़ा दिया।
इंतिहा हो गई-
गृह मंत्री ने कहा कि इसके बाद पहलगाम में तो इंतिहा ही हो गई जब निर्दोष लोगों को धर्म पूछकर उनके परिवार, महिलाओं, बच्चों के सामने निर्ममतापूर्वक मारने का पाप पाक-प्रेरित आतंकियों ने किया। उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस आतंकी हमले का उचित जवाब दिया जाएगा और ऑपरेशन सिंदूर उसका उचित जवाब है। आज पूरी दुनिया हमारी सशस्त्र सेनाओं की वीरता और मारक क्षमता की प्रशंसा कर रही है।
ऑपरेशन सिंदूर-
ऑपरेशन सिंदूर ने कुछ ही मिनटों में 9 आतंकी अड्डों को समाप्त कर दिया जिनमें से दो आतंकी संगठनों के मुख्यालय थे।
भारतीय सेनाओं ने सिर्फ आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया, जिन्होंने हमारी धरती पर गुनाह किया था। हमने हमला सिर्फ आतंकवादियों पर किया था। लेकिन पाकिस्तान ने साबित कर दिया कि आतंकवाद उसके द्वारा प्रायोजित है और उसने आतंकवादियों पर किए गए हमले को खुद पर हमला मानकर हमारे देश के नागरिक और सैन्य संस्थानों पर हमला करने का दुस्साहस कर दिया।
पाक का एयर डिफेंस सिस्टम खोखला-
गृह मंत्री ने कहा कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम बहुत अद्भुत है और पाकिस्तान के हमले हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सके। जब पाकिस्तानी सेना ने हमारे नागरिक और सैन्य संस्थानों पर हमला करने का प्रयास किया, तब भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने उनके एयरबेस पर हमला कर एक प्रखर और कठोर जवाब देकर हमारी मारक क्षमता का परिचय कराया और पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को खोखला साबित कर दिया।
फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस-
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1965 से 2025 तक की बीएसएफ की यात्रा यह बताती है कि विकट परिस्थितियों में अल्प संसाधनों के साथ शुरू हुआ यह संगठन आज दुनिया का सबसे बड़ा और गौरवमयी सीमा सुरक्षा बल बनकर हमारे सामने खड़ा है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति के आधार पर सभी कठिनाइयों को पार कर किस प्रकार विश्व में सर्वश्रेष्ठ बना जा सकता है, इसका सबसे उत्कृष्ट उदाहरण सीमा सुरक्षा बल है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियां, 45 डिग्री से अधिक या बहुत कम तापमान, घने जंगल, दुर्गम पहाड़ और समुद्र के किनारे बीएसएफ के प्रहरियों ने जो देशभक्ति और निष्ठा दिखाई है उसी से बीएसएफ को फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस का सम्मान मिला है।
बीएसएफ ने सीमा पर गोली का जवाब गोले से देकर यह बता दिया कि जब तक बीएसएफ है तब तक पाकिस्तानी सेना एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकती।
बीएसएफ के जन्म की कहानी-
केन्द्रीय गृह मंत्री ने के एफ रुस्तमजी के योगदान को याद करते हुए कहा कि 1965 के युद्ध के बाद एक ऐसे बल की ज़रूरत महसूस की गई जो शांतिकाल में भी सीमा की सुरक्षा कर सके और उससे बीएसएफ का विचार जन्मा और रुस्तमजी बल के पहले महानिदेशक बने। उन्होंने कहा कि 1965 में बीएसएफ की स्थापना के बाद 1971 में हम पर थोपे गए युद्ध में बल के जवानों ने जो वीरता दिखाई औऱ योगदान दिया, उसे भारत कभी नहीं भूल सकता और बांग्लादेश को भी उसे कभी नहीं भूलना चाहिए।
शाह ने कहा कि बांग्लादेश के निर्माण में बीएसएफ की बहुत बड़ी भूमिका रही और अन्याय के खिलाफ लड़ने में सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस बल ने बहादुरी के साथ मोर्चा लेने का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
कठिन सीमा की सुरक्षा-
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में एक निर्णय लिया गया था कि एक सीमा पर एक ही बल सुरक्षा करेगा और तब बीएसएफ को बल की योग्यता देखकर दो सबसे कठिन सीमाओं, बांग्लादेश और पाकिस्तान, की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई।
बीएसएफ, भारत की 15 हज़ार किलोमीटर से अधिक लंबी और सबसे कठिन सीमा की सुरक्षा करता है। बीएसएफ ने विगत 5 साल में कई तकनीकी समाधान ढूंढने का प्रयास किया है। जहां बाड़ नहीं लग सकती वहां सीमा की सुरक्षा तकनीक के माध्यम से करने के लिए दुनियाभर के सॉल्यूशन्स को प्रयोगात्मक रूप से बीएसएफ ने ज़मीन पर उतारने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवानों ने भी इन-हाउस कई सॉल्यूशंस तैयार किए हैं और भौगोलिक विषमता वाली सीमाओं की सुरक्षा के लिए बीएसएफ द्वारा ढूंढे गए ये तकनीकी समाधान आने वाले दिनों में देश को सुरक्षित रखने का काम करेंगे। ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ और सेना ने अपने अप्रतिम शौर्य का उदाहरण दुनिया के सामने स्थापित किया।
जवानों के पराक्रम को नवाजा-
अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ 1 दिसंबर, 1965 से लेकर आज तक 2 लाख 75 हज़ार जवानों के साथ जल, थल और वायु सुरक्षा दस्ते बनाकर दुनिया के सभी सीमा सुरक्षा बलों में सर्वोच्च बना हुआ है और अपनी भूमिका को बहुत अच्छे तरीके से निभा रहा है। देश ने भी हमेशा बीएसएफ के जवानों के पराक्रम को नवाज़ा है और 1 पद्म विभूषण, 2 पद्म भूषण, 7 पद्म श्री, 1 महावीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना मेडल और 1246 वीरता के पुलिस पदक BSF के जवानों को मिले हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि यह बताता है कि एक बल को जब इतने पदक प्राप्त होते हैं तो उसकी निष्ठा कितनी अद्भुत होगी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने लगभग 1 लाख 10 हज़ार किलोग्राम ड्रग्स को पिछले 5 साल में पकड़कर नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई को भी मज़बूत किया है। पिछले 5 साल में 78 से अधिक नक्सलियों को मारकर बीएसएफ ने बहुत बड़े नक्सलविरोधी अभियान को भी सफल बनाने का काम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार, गृह मंत्रालय और पूरा देश बीएसएफ के जवानों की वीरता के साथ और उनके पीछे चट्टान की तरह खड़ा है। उन्होंने कहा कि देश को बीएसएफ के जवानों पर भरोसा भी है और देश उनका सम्मान भी करता है।
सर्वोच्च बलिदान-
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के मोहम्मद इम्तियाज़ अहमद और दीपक चिंगाखम ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और उनका नाम देश की रक्षा के इतिहास में हमेशा के लिए स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया है।
डयूटी पर खरी-
अमित शाह ने कहा कि सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ बीएसएफ ने देश की आंतरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और आतंकवाद-विरोधी अभियानों में भी बढ चढ़ कर हिस्सा लिया है और परिणाम भी प्राप्त किए हैं। चुनाव, कोरोना, खेल का मैदान, आतंकवाद या नक्सलवाद का सामना करना हो, जहां भी बीएसएफ को तैनात किया गया, हर मोर्चे पर बल ने बहुत अच्छे तरीके से अपनी ड्यूटी निभाई है।
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