दिल्ली पुलिस अपराधियों को सज़ा दिलाने की दर बढ़ाएं : गृह मंत्री अमित शाह
इंद्र वशिष्ठ,
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए है।
चार्जशीट समय पर-
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस के अफसरों द्वारा 60 और 90 दिन के भीतर अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने की प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की जानी चाहिए और इस समय सीमा का कड़ाई से पालन होना चाहिए।
सज़ा दर बढ़ाएं -
जघन्य अपराधों के मामलों में वर्तमान दोष सिद्धि दर को कम से कम 20 प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास किए जाएं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से ज़मीनी स्तर पर पुलिस विभाग की कार्यकुशलता और ज़िम्मेदारी बढ़ेगी।
ई-समन-
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ई-समन को सीधे अदालत से ही प्रेषित किया जाना चाहिए और इनकी प्रति स्थानीय थाना को भी मिलनी चाहिए। अभियोजन निदेशालय में नियुक्ति की प्रक्रिया में तेज़ी लानी चाहिए और किसी भी मामलें में अपील के बारे में निर्णय अभियोजन निदेशालय द्वारा ही लिया जाए।
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को गृह मंत्रालय में दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ राष्ट्रीय राजधानी में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की।
बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।
बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोरा, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक, और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक सहित गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गिरोहों को बेरहमी से खत्म करना
दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता हो
गृह मंत्री के निर्देश की धज्जियां उड़ाई-
गृह मंत्री अमित शाह ने इसके पहले 28 फरवरी को कानून व्यवस्था की बैठक में निर्देश दिए थे, कि दिल्ली में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होगी। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिस वाले गृह मंत्री के निर्देश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
खुली छूट-
गृह मंत्री ने इस बैठक में अपराधियों के खात्मे के लिए दिल्ली पुलिस को खुली छूट दी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में अंतरराज्यीय गिरोहों को बेरहमी/क्रूर दृष्टिकोण के साथ खत्म करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था को सुधारा जा सके।
डीसीपी थानों में जन सुनवाई करें-
गृहमंत्री ने कहा कि डीसीपी स्तर के अधिकारी थानों में जाकर जन-सुनवाई शिविर लगाएं और जनता की समस्याओं का समाधान करें। सभी सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अपने अधीन थानों में गंभीर केसों की स्वयं निगरानी करें। आगामी एक वर्ष तक दिल्ली पुलिस प्रत्येक तीन महीने के अंतराल में अपराधों के खिलाफ विशेष अभियान चलाए और इसे आगे चलकर प्रत्येक डेढ़ महीने के भीतर चलाए।
गृहमंत्री ने कहा कि लगातार खराब काम/प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों और सब-डिविजनो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
घुसपैठियों पर कार्रवाई-
गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि दिल्ली में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या घुसपैठियों के भारत में घुसने से लेकर उनके दस्तावेज बनवाने और उन्हें यहां रहने में मदद करने वाले पूरे नेटवर्क में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अवैध घुसपैठियों का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है और इसमें पूरी सख्ती के साथ काम हो और उन्हें चिन्हित कर निर्वासित किया जाए। नशीले पदार्थों के मामलों में इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की ज़रूरत है।
पुलिस की मंजूरी की जरुरत नहीं-
गृहमंत्री ने निर्देश दिए कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होगी। खोया-पाया, पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट, चरित्र सत्यापन, ट्रैफिक, वरिष्ठ नागरिकों और हिम्मत एप्प के बारे में लोगों की संतुष्टि के स्तर को जानना बेहद ज़रूरी है और इसके लिए एक थर्ड पार्टी सर्वे कराया जाना चाहिए।
जाम का हल निकालें-
दिल्ली पुलिस रोजाना जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित करे और दिल्ली पुलिस कमिश्नर व मुख्य सचिव बैठक कर इसका त्वरित हल निकालें, जिससे जनता को राहत मिल सके
गृह मंत्री ने कहा दिल्ली में 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामलों के त्वरित निपटान के लिए दिल्ली सरकार विशेष अभियोजक नियुक्त करे जिससे इन मामलों का जल्द निपटान हो सके।
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