Sunday 24 May 2020

पाकिस्तान के नापाक मंसूबे आतंकवाद,नशा और जासूसी। घर के भेदी ढहा रहे लंका।


पाकिस्तान के नापाक मंसूबे आतंकवाद,नशा और जासूसी।   घर के भेदी ढहा रहे लंका।

इंद्र वशिष्ठ
पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के पाले हुए आतंकी
भारत में ख़ास कर कश्मीर में आतंकवादी हमला करने की कोशिश में लगे रहते है। इसके अलावा यह आतंकी गिरोह भारत के लोगों को नशे के दलदल में धकेलने में भी लगे हुए है। आतंकवाद के लिए पैसा जुटाने के लिए यह आतंकी गिरोह नशे का कारोबार करते हैं।

घर का भेदी लंका ढाए-
 सेना, सीमा सुरक्षा बल और पुलिस  आतंकवादियों के मंसूबों पर पानी फेरने में लगातार जुटे रहते हैं। 
लेकिन यह भी सच है कि बिना भारतीय गद्दारों यानी देशद्रोहियों के पाकिस्तान अपने मंसूबों में कभी भी सफल नहीं हो सकता है।
आतंकवाद हो या नशे/ हेरोइन की तस्करी यह सब देशद्रोहियों की सांठ-गांठ से होता है। इनमें सुरक्षा बल और पुलिस वालों के शामिल होने के मामले अक्सर सामने आ रहे हैं।
कुछ समय पहले ही कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंद्र सिंह को आतंकवादियों के साथ कार में जाते हुए गिरफ्तार किया गया था।
सबसे ख़तरनाक/गंभीर और शर्मनाक बात यह है कि सेना में मौजूद कुछ गद्दार भी पाकिस्तान के जासूस बन कर देशद्रोह करते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने नोसैना में मौजूद ऐसे ही 11 गद्दारों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा पाकिस्तानी आतंकवादियों के गिरोह से जुड़े पंजाब के नशे के एक कुख्यात सौदागर को भी गिरफ्तार किया गया।
नौसेना के गद्दारों को धन देने वाला मुंबई का व्यापारी-
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले भारतीय नौसेना कर्मियों को धन देने वाले मुंबई के व्यापारी मोहम्मद हारुन हाजी अब्दुल रहमान को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। 
 मुंबई निवासी मोहम्मद हारुन हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला (49) विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एक प्रमुख साजिशकर्ता हैं। 
भारतीय नौसेना के गद्दार बने पाकिस्तान के जासूस-
यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी गिरोह से संबंधित है जिसमें पाकिस्तान में स्थित और भारत के विभिन्न स्थानों के व्यक्ति शामिल हैं। 
भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के स्थानों / गतिविधियों के बारे में संवेदनशील और ख़ुफ़िया/ वर्गीकृत जानकारी एकत्र करने के लिए पाकिस्तानी जासूस भारत में एजेंटों की भर्ती करते हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क-
एनआईए को जांच से पता चला है कि कुछ नौसेना कर्मी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में आए और धन लाभ के बदले महत्वपूर्ण ख़ुफ़िया  जानकारी साझा करने में शामिल थे।
व्यापारी पैसा पहुंचाते-
 नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में पैसा उन भारतीय सहयोगियों/ व्यापारियों के माध्यम से जमा किया गया था, जिनके पाकिस्तान में व्यापारिक हित हैं।
नौसेना के 11 गद्दार गिरफ्तार-
इस मामले में अब तक 14 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 11 नौसेना कर्मी और एक पाकिस्तानी मूल की भारतीय नागरिक शाइस्ता क़ैसर शामिल हैं।
पिछले साल नवंबर में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा थाने में सीआई सेल ने इस सिलसिले में मामला दर्ज किया था।
दिसंबर में एनआईए ने इस मामले की जांच शुरू की थी। 
व्यापार की आड़ में पाकिस्तान में जासूसों से मुलाकात-
एनआईए को जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद हारून लकड़ावाला सीमा पार व्यापार करने की आड़ में अपने आकाओं से मिलने के लिए कई बार कराची, पाकिस्तान का दौरा कर चुका है। 
इन यात्राओं के दौरान वह दो पाकिस्तानी जासूसों अकबर उर्फ़ अली और रिज़वान के संपर्क में आया जिन्होंने उसे नियमित अंतराल पर नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में पैसा जमा करने के निर्देश दिए।

आतंकवादियों को धन देने वाला नशे का सौदागर।    
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर नशे और आतंकवाद के कुख्यात सौदागर रंजीत सिंह उर्फ़ चीता उर्फ़ राणा को हरियाणा के सिरसा में गिरफ्तार किया।  रंजीत सिंह की हेरोइन की तस्करी के अलावा आतंकवादी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन को रकम मुहैया कराने के मामले में भी तलाश की जा रही थी।
पाकिस्तान से सेंधा नमक में छिपा कर  लाते हेरोइन।-
अटारी बार्डर पर पिछले साल जून में कस्टम विभाग ने 532 किलो हेरोइन जब्त की थी। यह हेरोइन पाकिस्तान से सेंधा नमक के बीच छिपा कर लाई गई थी। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ में पता चला कि हेरोइन की चार खेप पाकिस्तान से वह पहले भी भारत ला चुके हैं। हेरोइन की तस्करी कस्टम हाउस एजेंटों, ट्रांसपोर्टरों, आयातकों की सांठ-गांठ से की जा रही थी। अंतरराष्ट्रीय हवाला  के जरिए पैसों का लेन-देन किया जाता था। एनआईए द्वारा इस मामले में रंजीत सिंह समेत 15 लोगों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में अदालत में आरोपपत्र दाखिल भी किया जा चुका हैं।
इस मामले में मुख्य अभियुक्त रंजीत सिंह की तलाश की जा रही थी। एक ख़ुफ़िया सूचना के आधार पर उसे सिरसा में बेगू रोड पर एक खेत में बने मकान में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया। रंजीत और अपने परिवार के साथ सात महीने से यहां छिपा हुआ था। 
आतंकवादियों को धन -
पंजाब पुलिस ने पिछले महीने की  25 तरीख को अमृतसर में हिजबुल मुजाहिदीन के हिलाल अहमद  को 29 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया। कश्मीर में नौगांव निवासी हिलाल अहमद ने यह रकम कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ़ आपरेशनल कमांडर रियाज़ नाइकू (अब मारा जा चुका) को देनी थी। 
आतंकवादी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन को रकम मुहैया कराने के इस मामले में भी मुख्य अभियुक्त रंजीत सिंह की तलाश की जा रही थी।
अपने पांच भाइयों के साथ रंजीत पिछले कई सालों से नशे के कारोबार में सक्रिय हैं। अमृतसर निवासी इन अभियुक्तों के खिलाफ अनेक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आतंकवाद के लिए नशे का धंधा-
एनआईए को जांच के दौरान पता चला है कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी गिरोह भारत में आतंकवाद के लिए नशे के कारोबार से धन जुटाने में लगे हुए हैं। आतंकवाद के मकसद को पूरा करने के लिए ही नशे की तस्करी के कारोबार को हवाला और कोरियर  के जरिए कश्मीर घाटी में स्थानांतरित किया गया है।




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